वो आये गए , गए और फिर आये , इस आने जाने की जल्द बाजी में , बाजी हार कर भी , Read More
दास्ताँ-ए-इश्क़ लिखेंगे 'अपनी' गर कभी, देखना 'खलनायक' के नाम से तुम Read More
तुम्हारी हर ऊटपटांग बात पर मेरा तुम्हें माफ़ कर देना ...... 'इश्क़ Read More
'शोर' करती रात की खामोशी कटिंग चाय - हाथ में कश और साथ हैं यादें Read More
पेश है सच झूठ और झूठ सच बनकर फ़रेबी दुनिया है यार मेरे तो चलना थोड़ा बचकर Read More
ना तंत्र ना मंत्र ना ही किसी ताबीज़ से सुकून-ऐ-रूह आया तो बस जाम होंठो पर Read More
पूछा गया हमसे कल प्रेमी को लेकर क्या अपेक्षाएं हैं तुम्हारी हमने भी कह Read More
कहानी तो बड़ी रोमांचक है बस ये किरदार ही है जो हर बार दग़ा दे जाते Read More
यूँ तो इश्क़ से नज़रे चुराती रही हूँ मैं और हुआ ऐसा भी है रेत पर एक नाम Read More
मंजिलों को भी कभी है आसान राह रास आयी ये सफर पाँव के छाले मांगता Read More
और फिर से राज़ को राज़ ही रहने दिया है खत तो लिखा है और पुराने बक्से के नाम Read More
यही है मेरा तजुरबा-ए -जिंदगी बस इतना सा करम करिये खुद को आज़ाद Read More