yeah, title speaks a lot. Just another failed lover and still a teen, (can you believe that, don't blame me, it's the hormones) I wrote this when I couldn't tell her what I felt.
this was the first one
वो हमें बिना मिले चले गयी
लेकिन जाते जाते कुछ दे गयी
मुझे आशिक से शायर में बदल दिया
मुझे वीर से कायर में बदल दिया
another one
शायरी तो दिलजलों की जबान पे होती है
उनकी यादें तो हमारी लगान होती है
वो झुल्फों को संभालना चलते हुए
वो हमारी जान ले लेना हँसते हुए
उन्ही को देख कर तो हम जीनेकी शिद्दत करते हैं
उन्ही को देखने के लिए तो हम घर से निकलने की हिम्मत करते हैं
wrote another here : http://www.writerbabu.com/post/1543/chand_mein_unka_chehra/
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