Felt good to find something which I feel good to read about.For all the new or budding writers who could not pursue their love as writing but it always keeps coming in one form or other.The name is nostalgic as well as satiric;remember when you use to write in your childhood or teenage how thing or dialogue which one or the other person from your family,community,friend circle must have given you-'oho yeh to writer babu banege'.So today we can say haanji hum to writer babu ban gaye.As it's my first post in writer babu so I would like to dedicate this to my mother as mother is the first person in a baby's world.So here is a small poem which I wrote for my mother on her birthday this year.With this poem i am welcoming myself again to this world with my mother and my all time love-writing
मां, शायद मै ये कभी कह नहीं पायी
की मेरे जीवन मे तुमने क्या जगह है पाई
तुम्हारा समर्पण ,तुम्हारा धैर्य और तुम्हारा प्यार
इन सबके समान नहीं ढूँढ पाई आज कोई उपहार
वो रात रात भर तुम्हारा जागना
वो हर गलती पर जोर से डांटना
वो खाने की थाली ले पीछे भागना
तुम्हारे हाथ की बनी कढ़ी चावल के साथ
याद आते हैं न जाने कितने जस्बात
अपनी पूरी ज़िंदगी तुमने अपने परिवार पर बिताई
यकीन मानो माँ तुम्हारी मेह्नत है रंग लाई
एक अच्छी माँ, अच्छी संगिनी तुमने हर भूमिका बखूबी निभाई
शायद कई बार हमारी विचारधारा नही मिलेगी
पर माँ हमारे रिश्ते और प्यार की बुनियाद नहीं हिलेगी
जीवन के कई रूपों से अभी मै परिचित नहीं
आने वाले समय मे निभाने होंगे किरदार कई
पर जब तक तुम और पापा हो साथ
जीवन का हर किरदार बना पाऊँगी खास