हाज़िरी कुछ ऐसी लगाई है उसने मेरे दिल में
हुयी आज मैं खुद से दूर और वो तो बस मौजूद है मुझमें .....
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
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- DHAKKANIYA SHILPI