जिस राह पे अब देश की राजनीति चल रही है उसके रास्ते या तो फेसबुक के लाइक्स या ट्विटर के रेटवीट्स तय कर रहे है .
ज़मीन की राजनीति नेताओं ने छोड़ दी और लोगो ने समझनी छोड़ दी , जो की आने वाले समय के लिए उतनी ही घातक है जितना मोदी देश के संप्रुभता है ! इस बात को कोई तवज्जुह देने के लिए अब कोई तैयार नहीं है लेकिन जैसे जैसे वक़्त का पहिया घूमेगा ,लोगो को अपनी गलती के एहसास हो जायेगा !
मैं ये नहीं कह रहा की सोशल मीडिया देश की राजनीति को बर्बाद कर रही है लेकिन ये सोशल मीडिया क्रान्ति देश की राजनीति को ज़मीन से जुदा कर रही है और इंटरनेट के भवर जाल में फंसा रही है !
दिन प्रतिदिन नए तथ्य ये सोशल मीडिया लेके आती है , जिसकी सत्यता खुद भी आशंका से घिरी हुई है ! देश का युवा जो इस का इस्तेमाल सबसे ज्यादा कर रहा है और दिन भर मोदी राहुल और केजरीवाल के गुण गए रहा है उसको ये समझने की आश्यकता है की आपके छेत्र का विकास फेसबुक के कमेंट्स से कभी नहीं होंगे !
जरुरत है बहार निकलने की ,सेल्फ़ी खिचवाने के लिए नहीं बल्कि अपने खुद के विकास के लिए !
नेताओं के साथ साथ आपकी भी जिम्मेदारी है , जिम्मेदारी है ये देखने के लिए की जो वादें किये गए थे वो पूरे हुए की नहीं अगर नहीं तो क्यों !
जिस दिन युवा ये कर गया , हम एक अच्छे और सुदृढ़ भारत की परिकल्पना कर सकते है
धन्यवाद
आपका
धैर्यकांत मिश्रा
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