They say, color of love; once you are colored in love, no other color can leave it’s effect upon you. Being in love is like completely lost in the another world. You go blind. No other color you can see. This poem Rang De Piya Re Mohe, writing a Hindi poem after almost a couple of year, is about a lover who is totally lost in love and now wants to dissolve his soul in the love of beloved and vanish in it to attain integrity with the soul mate. So here is the Rang De Piya Re Mohe…
रंग दे पिया रे मोहे अपने रंग मे ऐसे,
रंग और किसी का मोपे चढ़ ना सके,
प्रीत मे तेरी, मेरी डूबे ऐसी नैया,
मेरी नाव वहाँ से आगे बढ़ ना सके.
तेरे प्रेम का प्याला पीता रहूं,
पी पी मतवाला हो जाउ
मुझे इतना प्यार पिला दे तू,
मैं प्रेम की मधुशाला कहलाऊं
मेरा हाथ थाम मेरी शक्ति बन,
भगवान भी मुझसे लड़ ना सके,
रंग दे पिया रे मोहे अपने रंग मे ऐसे,
रंग और किसी का मोपे चढ़ ना सके.
पृथ्वी मे दिखे, अंबर मे दिखे,
चाहूं ओर दिशा मे मोहे तू ही दिखे,
मैं इतना पागल हो जाउ,
तेरे सिवा और मोहे कुछ दिख ना सके
जिस चीज़ मे तेरी छवि ना बसे,
वहाँ नयन मेरे कभी खुल ना सके,
रंग दे पिया रे मोहे अपने रंग मे ऐसे,
रंग और किसी का मोपे चढ़ ना सके.
heart-stupid.blogspot.com