इश्क के कैलेंडर पर,
इतवार नहीं होता

इश्क तो खुशबू है
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारे की.

रूह का मालिक, व्यापर नहीं होता

nt my lines read smwhere n felt like sharing..

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