सुहाने सफर की ये दूरियां भी
लम्बी बहुत है और है दिलकशी भी
कुछ तुम चलो और कुछ वो चले
फिर कट जाएगी राह, मुश्किल भरी सी
बहुत ही बेईमान है ये ज़माना
कोशिश है उसकी कि तुम ठहर जाना
दोनो के कदमो के सहारे दोनो
इन मुश्किलों को, मिलके हराना
दुआ है रबसे, दोनो संभलना
न होना जुदा तुम ,इक दूसरे से
एक ऐसी साईकल के पहियों सरीखी
कट जाएगी ज़िन्दगी, मुश्किल भरी सी