#PopulistPolitics
सैद्धांतिक रूप से आप या तो श्री राम को मान सकते है या महात्मा गांधी |
एक जिसने अपनी पत्नी के लिए हिंसा का मार्ग चुना और दुसरे ने देश को अहिंसा पे चंलने की प्रेरणा दी | लेकिन देश की
राजनीति अभी उस दोगले परिवेश में चल रही है , जहां राजनेता महज वोट के कारण कुछ भी कह देते है | चुनाव आते ही जहां आरएसएस अपने को हिंदुत्व का ठेकेदार कहने लगती है और नाथूराम गोडसे के पदचिन्न्हो पे चलना शुरू कर देती है | चुनाव जीतते ही उनका प्रधानमन्त्री गांधी की वकालत करता है और हम , देश के नपुंसक नागरिक , इस्पे भी जोर जोर से ताली पीटते है |आपको तय करना है , आप किसके साथ है |
आने वाले समय में इस राजनीति के दुष्परिणाम देखे जा सकेंगे |
आपका
धैर्यकांत मिश्रा
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