James Bond 007 से लेकर Mission Impossible तक ख़ुफ़िया मिशनों पर पश्चिम में आये दिन फिल्मे बनती है पर मुम्बैया सिनेमा में ऐसी फिल्मों में भी प्यार मोहब्बत .. गाना बजाना .. कॉमेडी.. सब भर दिया जाता है कुल मिलाकर जासूसी छोड़ बाकि सब कुछ होता है .. पर इस लिहाज से D Day की तारीफ करनी होगी, फिल्म के अंत के 10 min को छोड़ दिया जाए तो बाकी फिल्म हर लिहाज़ से काबिले तारीफ है .. कहानी शुरू से आखिर तक आपको बांधे रखती है बस आखिर में Most Wanted के मुंह से ज्ञान की बातें थोड़ी बदहजमी कर गयी .. जहां तक निर्देशन का सवाल है तो निखिल ने अपना काम बखूबी किया फिल्म के कैनवास को पाकिस्तानी रंग देने के लिए हर छोटी बड़ी बारीकी का उन्होंने ध्यान रखा .. अदाकारी की बात करें तो इस मामले में इरफान खान का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता .. वे इस दौर के बेहतरीन कलाकारों में से एक है .. हुमा कुरैशी ने गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से जाहिर कर दिया था की उनमें असीम संभावनाए है और यहाँ भी वे अपनी अदाकारी से निराश नहीं करती .. अर्जुन रामपाल का चेहरा सपाट है और अदाकारी भी .. फेहरिस्त यही खत्म नहीं होती अभी फिल्म के मुख्य किरदार से तो आपका परिचय कराना बाकी है हमारे Don साहब ..ऋषि कपूर .. पिछला कुछ वक़्त कपूर खानदान के लिए बेहद अच्छा जा रहा है जहां मियाँ रणबीर रोज नयी बुलंदिया छु रहे है वही ऋषि कपूर के करियर का लगभग बुझ चूका दीया भी अचानक से जल उठा है फिल्म में उन्हें अदाकारी का मौका कम मिला पर जितना भी मिला उसमें वे अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहते है ... फिल्म का संगीत मैं घर तक आंते-आते तक भूल गया शायद याद रखने लायक कुछ नहीं था ... कुल मिलाकर ये फिल्म नहीं हर हिन्दुस्तानी का सपना है की पाकिस्तानी हुकूमत की गोद में बैठे उस मरदूद को हिन्दुस्तान लाकर हलाक किया जाए .. अब देर किस बात की जाइये और देख आइये ..for more updates plz like my facebook page @anand bhatia mathura wale

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