हमारे मित्र का दिल मोहल्ले में नई आई एक लड़की पर आ गया। आना लाजमी भी था, लड़की सुन्दर और बाप करोडपति, ये बड़ा deadly कॉम्बिनेशन होता है। अच्छे-अच्छे emotionless लोगों के भी emotions जाग जाते हैं। कुल मिलाकर लड़का लड़की के पीछे बावला हो गया। माताओं की आपसी बातचीत शुरू हुई तो घर आना जाना बढ़ा। लड़का बेकरार तो था ही इसलिए किसी ना किसी छुट्टे बहाने से लड़की के यहाँ पहुँच जाता था। लड़की दोस्त बनी तो पता चला की already committed है, बॉय फ्रेंड बंगलौर में किसी IT कंपनी में है। पल भर में लौंडे के सारे के सारे अरमानों पर पानी फिर गया पर लड़के ने हार नहीं मानी। चुपचाप लड़की का फ्रेंड कम पालतू कुत्ता बन गया। कुछ लाना हो या कहीं ले जाना हो, 24X7 मैडम की सेवा में। दोस्त लोग चिडाते, मजाक बनाते पर लड़का अनसुना कर देता।
एक दिन पता चला किसी बात पर लड़की का उसके बॉय फ्रेंड से ब्रेकअप हो गया, वैसे भी ये फ़ोन अ फ्रेंड वाले रिश्ते ज्यादा नहीं चलते। बस लड़की डिप्रेशन मोड में आ गयी, खोई-खोई उदास सी रहने लगी। बस हमारे मित्र ने मौके पर चौका मारते हुए अपना कंधा आगे कर दिया। दुखी आदमी और शायरों को क्या चाहिए, बस कोई उनकी सुन ले। लड़की 3-4 महीने तक उसे अपने पूर्व प्रेमी के किस्से सुनाकर पकाती रही पर वो भी बड़ी शान्ति से सुनता। एक दिन भावनाओं का बांध टूटा और लड़के ने अपनी भावनाओं का इज़हार कर दिया। जैसे दूकान में 50 साड़ियाँ खुलवाने के बाद एक भी ना खरीदे निकलना उतना आसान नहीं होता वैसे ही बेचारी यहाँ कैसे मना कर पाती, हाँ कर दिया। लड़का खुश, टारगेट accomplished।
बस यही भारतीय राजनीति में हो रहा है। BJP और JDU का ब्रेकअप क्या हुआ, कांग्रेस JDU को लुभाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रही। सुना है विशेष राज्य का दर्जा भी दिया जा रहा है।
चलो अच्छा है …