criket के भगवान की क्रिकेट से विदाई हो गई। हर एक के दिल में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था। हर किसी की आँखों में नमी थी। बस यही तो सही वक़्त था मार्केटिंग का। एक तरफ आमिर साहब वानखड़े में DHOOM #3 वाली काली टोपी पहन डेरा डाले बैठे थे, तो दूसरी तरफ सरकार ने भी 2014 को देखते हुए सचिन को भारत रत्न देने में देर ना लगायी। ऐसा नहीं कि सचिन को यह सम्मान नहीं मिलना चाहिए बिलकुल मिलना चाहिए पर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी कि अनदेखी करते हुए सचिन को भारत रत्न से नवाजने का यह सरकारी फैसला जनता कि सदभावना पाने का हथकंडा मात्र है, जो करना है कर लीजिये जनाब, vote नहीं मिलने वाले, जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। और हाँ सचिन साहब आप भी जरा ध्यान रखे कम से कम भारत रत्न मिल जाने तक Narendra Modi का नाम भी जुबान पर ना लाये, तारीफ तो भूल कर भी ना करे। सरकार का भरोसा नहीं क्या पता आर्डर ही रद्द कर दे।