चाहे जगन रेड्डी हो या ज्योतिरादिय सिंधिया या वरुण गांधी , इन तीनो ने अपने पिता खोये है . ताज्जुब की बात ये है की तीनो को पता है की इनका कातिल कौन है और इनकी हत्या क्यों हुई

कांग्रेस पार्टी की ये रीती रही है की जो भी राजनेता सोनिआ गांधी या उनके परिवार के नेताओं से पर जाके अपनी खुद की राजनीति शुरू करता है , उनका अंत बोहुत दुखद होता है और ये परंपरा इंदिरा गांधी के समय से चली आ रही है . इंदिरा के समय ललित नारायण बाबू ने जो अपनी छवि बनायीं थी और कुछ जानकार उनमे देश का अगला प्रधानमंत्री भी देख रहे थे , उनकी हत्या कुछ इस तरह होगी इसकी परिकल्पना किसी ने नहीं की थी

सबको पता है की उनकी हत्या इंदिरा के इशारों पे हुई थी पर कोई भी अपना मुख नहीं खोला चाहे वो बीजेपी हो या कोई अन्य पार्टी क्यूंकि इस हमाम में सब नंगे है , अगर बीजेपी ने मुह खोला तो उनको भी हरेन पंड्या के मामले में अपनी सफाई पेश करनी पड़ेगी जो इतनी आसान नहीं है .

YSR की हत्या अम्बानी बंधुओं और सोनिया के साथ गाँठ का परिणाम था
अम्बानी को KG बेसिन गैस चाहिए था अपने sharton पे और सोनिआ के लिए YSR तेलंगाना का विरोध कर रहे थे
दोनों का एक hi maksad है YSR को अपने रास्ते से हटाना . योजना बनी और नियमो को टाक पे रख कर सबसे बेकार हेलीकाप्टर के साथ सोनिया ने भाटिया नाम के पायलट को YSR के साथ भेजा . भाटिया को लगा की अंत समय में वो हेलीकाप्टर से निकल जायेगा पर ऐसा हो न सका , बेचारा बिना मतलब के शहीद हो गया

अगर आप रुस्सियन पत्रिका के दावों को पढ़े तो सारा मामला साफ़ हो जायेगा लेकिन सत्ता का सुख ऐसा है की बेटे को भी इतना लललची बना देता है की अपने बाप की सहादत भी छोटी लगती है उसको

जगन रेड्डी को भी CM बनना था और ये दिखने के लिए की कांग्रेस निष्पक्ष है , उन्होंने जगन को इनकम टैक्स के मामले में जेल भेज दिया और बाद में जब डील पक्की हुई तो जनाब को चोर दिया

इस बात से एक बात साबित होती है की इस देश के सारे नेता सत्ता के भूखे है और इनपे विश्वास नहीं किया जा सकता
चाहे वो केजरीवाल हो या मोदी ,

देश के पास कोई सही विकल्प नहीं , अच्छा हो की आप देश की इस लोकतान्त्रिक परम्परा को बदलने के लिए कुछ ऐसा करे जिसकी परिकल्पना आज तक देश में किसी ने नहीं की हो..

आशा करता हूँ के देश के लोग जागे और अपनी जिम्मेदारियों को समझे

धन्यवाद

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