परेशान सा हो गई थी वो | सालों बाद छठ पर घर में सब कोई मिले थे | बातचीत करना, साथ में समय बिताना, भूले-बिसरे पल को याद करना किसे नहीं अच्छा लगता ! तो वो भी यही सब चाहती थी | सालों बाद पुरा परिवार साथ बैठे थे, बातचीत का सिलसिला शुरू होता, कुछ Interesting Topics आती और फिर Interruption हो जाता | छठ के विधि-विधान आड़े आ जाती | सब कुछ मैनेज करते-करते जब कुछ वक्त बेचारी निकाल पाती तो मम्मी की आवाज ! न जाने क्यों दुनिया की हर मुश्किल को खुद ही Manage करने वाली वो लड़की मम्मी के Different Instructions को Follow और Manage करने में अपने आप को असमर्थ पा रही थी |
यूँ लगता जैसे किसी MNC को Manage करने से भी ज्यादा Tough काम मम्मी के Instructions को Follow करना है | तभी तो जब मम्मी ने बुलाया, छठ के कुछ विधि-विधान समझाएं, गौर से सुनते-सुनते Irritate हो उसने कह दिया था | " मम्मी SOP ( Standar operating procedure ) बनाओ छठ का " | समझ नहीं आया था मुझे क्या सही में छठ को मैनेज करना कठिन काम है या मम्मी को मैनेज करना | खैर छठ का SOP बनाने का Idea मेरे दिमाग में Click कर गया था | तो अगले छठ में आपको निराश नहीं होना पड़ेगा |