पिछले कई दशकों से मिथिला की राजनीति पे जातिवाद और ब्राह्मणवाद का प्रकोप रहा है और हमारे राजनेताओं ने इसको भुनाया भी बड़ा खूब है | चुनाव आते ही सारे नेता अचानक पटना एयरपोर्ट से अपने अपने संसदीय क्षेत्र में अपने दर्शनार्थियों के साथ स्कार्पियो में बैठकर धूल उड़ाते पहुँचते है , और बाद में यहीं धूल वो जनता की आँखों में झोक के निकल जाते है | हर चुनाव में एक ही वादा जो आजतक पूरे नहीं हुए |
लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है , वादें तो कर रहे है ,झूठ भी बोल रहे है परन्तु फिर भी इस बार कुछ अलग हो रहा है | इस बार विरोध हो रहा , पुरजोर हो रहा है | जितने झूठ इन्होने बोले है अगर उसकी पोल खुल जाये तो धोती और पाग दोनों छोड़ के डेल्ही भाग जायेंगे , वो दिन भी जल्दी आने वाला है | ये जितने भी तथाकथित मिथिला के नेता बने फिर रहे है , उन सबका हिसाब किया जा रहा है और जल्दी ही इनसे हिसाब लिया भी जायेगा |
पिछले ३ महीनो से मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने जो खुलासे किये है उससे तो यही प्रतीत होता है की जित्न बड़े वादे किये गए थे वो सब झूठे थे | दरभंगा के सांसद महोदय कहते है की उन्होंने DMCH को ४५ करोड़ का अनुदान दिलवाया है जबकि RTI की माने तो स्वाास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक एक भी रुपया आवंटित नहीं किया है | सांसद महोदय हमेशा शगूफा छोड़ देते है मगर ये कभी नहीं बताते है की वास्तविकता क्या है ? लेकिन बताये भी क्यों ? कोई पूछता ही नहीं
सांसद महोदय इतने चमत्कारी है की उन्होंने रातो रात दरभंगा एयरपोर्ट का हवाई सर्वेक्षण करवाने की बात कर दी और ये भी कहा की वो पूरा प्रयास कर रहे है दरभंगा में एयरपोर्ट बनवाने के लिए | लेकिन भाग्य यहाँ भी इनका साथ नहीं दे रहा है , फिर से RTI ने इनकी पोल खोल दी है , मंत्रालय की माने तो न तो राज्य सरकार न तो सांसद महोदय , किसी ने कोई प्रयास भी तक नही किया है एयरपोर्ट के लिए अभी तक | इसका मतलब सांसद तो झूठा , लेकिन नीतीश कुमार उससे भी बड़ा झूठा |
साल भर में १९ लाख खर्च कर के यात्रा करने के बाद भी दरभंगा में इनका अटेंडेंस LNMU के छात्रों से भी कम है लेकिन फिर भी ये दो एग्जाम से टॉप कर रहे है |
जब मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने पोल खोल अभियान शुरू किया तो सांसद महोदय के समर्थकों ने हमको तो कांग्रेस और JDU का एजेंट तक बुला दिया और गाली का तो छोड़ ही दीजिये | लेकिन हम डरेंगे नहीं , अगर अब भी नहीं सम्भले तो क्रान्ति आएगी , घर घर जाके सबको जगायेंगे चाहे इसके लिए कुछ भी करना हो | संस्कृत में एक श्लोक है - सठे शाठ्यम समाचरेत ,लगता है यही करने का समय आ गया है |
और ये लोग वोट किस बात के लिए मांगते है ? न तो DMCH सुधरा , न स्टेशन सुधरा और न एयरपोर्ट बना , ये सब छोड़िये दरभंगा टावर का पानी की निकासी आज तक नहीं हो पायी और न बंद पर फाउंटेन शुरू हो पाये | दिन भर खरंजा का उदघाटन करने से विकास नहीं होता है | विकास के मौलिक सिद्धांत होते है , - शिक्षा स्वास्थय सुरक्षा और समृद्धी जिससे दरभंगा अभी भी अछूता है | हर साल हज़ारो युवाओं को पढाई और रोजगार के लिए बहार जाना परता है लेकिन इन सबसे इन नेताओं को क्या ? मिथिला का नेता मिथिला के माँछ का स्वाद लेने में व्यस्त है , खा लीजिये लेकिन अब पचना मुश्किल हो जायेगा |
चलिए पढ़ने के बाद समर्थकों के गालियों का इंतज़ार करूँगा , पता नहीं इस बार कौन सी पार्टी का दलाल बना दे मुझको | वैसे उनको खिसियाने में हमको भी खूब मन लगता है |
धैर्यकांत मिश्रा
मिथिला स्टूडेंट यूनियन