मेरी इस ख़ामोशी को मेरी बेबसी ना समझ "ऐ नासमझ"
करती हैं ये भी वो "दीवानगी" बयां , कभी जो अल्फ़ाज़ों में पिरोयी नहीं गयी ॥
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- Anonymous