'कुटिल' मुस्कान , 'भाव रहित' हंसी
जरा सम्भल कर रहना ऐ दोस्त मेरे
'शाबाशी' और 'खंजर' "एक साथ" वही बसते हैं
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
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- DHAKKANIYA SHILPI