दिल में एक दर्द लिए जिये जा रहा हूँ;
तेरी मोहब्बत का जाम पिये जा रहा हूँ;
न चाहते हुए भी यह काम किये जा रहा हूँ;
न जाने खुद को, कौन सी मंजिल पर लिये जा रहा हूँ!
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- ARAK VATSA