ये कैसी है तेरी माया,
तुने कैसे बनायीं काया.
सबसे भिन्न सबसे अलग,
फिर भी सबके जैसा.
रूप, रंग सबसे अलग,
स्वाभाव न एक जैसा.
फिर भी एक सी छाया,
तुने कैसे बनायीं काया.

जन्म की दी तुने ताकत,
साँसों को एक तार किया,
पर मृत्यु का न अधिकार दिया.
कैसा ये षड़यंत्र रचा,
कैसा ये खेल खिलाया.
ये कैसी है तेरी माया,
तुने कैसे बनायीं काया.

सुख दिया, दुःख दिया,
जाहिर करने का मार्ग दिया.
अंतहीन अंधेरो में जो
दिख जाए वो प्रकाश दिया.
इस जटिल गुत्थी को तुने
दो भागो में बाँट दिया,
जो समझ गया वो जीत गया,
जो ना समझा वो हार गया.
ये कैसी है तेरी माया,
तुने कैसे बनायीं काया.

Sign In to know Author