भोली भली सी मेरी हंसी मुस्कराहट में बदल गयी,
उदासी न जाने कब गुस्से मे बदल गयी.
वक़्त के साथ छोटी छोटी हसरतें ज़रूरतों मे बदल गयी,
मैं क्या सचमुच इतनी बड़ी हो गयी.
बालों की उलझनें शैली मैं बदल गयी,
आज़ादी कब जिम्मेदारी मे बदल गयी.
बचपन की हरकतें भी अब पीछे रह गयी,
मै क्या सचमुच इतनी बड़ी हो गयी.
मेरी बातें उनकी बातों से बड़ी हो गयी,
मेरी आदतें उनकी आदतों से अलग हो गयी.
जिस गोद मे बचपन से खेली वो गोद छोटी हो गयी,
या मैं सचमुच मे इतनी बड़ी हो गयी.......
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- ADITI PANT
Comments (2 so far )
AANYA VERMA
awsm...
August 5th, 2012
Author
thanx Aanya..:):)
August 7th, 2012