मिट्टी का जिस्म लेके पानी के घर में हू

मंज़िल है मौत मेरी मै हर पल सफर मे हू

होगा कत्ल ये पता तो है मुझे

लेकिन खबर नही किस कातिल कि नजर मे हू

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