अच्छा लगता है
कभी कभी अतीत के पन्नो को पलटना
किसी पृष्ठ पर रुक कर उसे हौले से सहलाना
और उस पर उभर आई तस्वीरों में कुछ देर के लिए गुम हो जाना
अच्छा लगता है
चलते चलते कभी ठिठक जाना
पीछे मुड़कर पगडंडियों के घुमाव को देखना
और अपने स्थितिजन्य साहस पर आत्म-मुग्ध हो जाना
अच्छा लगता है
कभी, किसी का, "हमारे अनकहे" को समझ जाना
अपनी निःशब्द बातों का प्रत्युत्तर पाना
और अंतह की रिक्तता का मधुर अहसासों से भर जाना.
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- PRATAP SINGH
Comments (2 so far )
NISHANT DASH
True :)
October 27th, 2013
Author
Thank you Nishant !
October 31st, 2013