बहादुर शाह जफ़र का नाम तो सुना ही होगा, अंतिम मुग़ल शासक थे। दिल से कवि थे, सत्ता का कोई मोह न था ना ही राज करने की ability थी। मुल्क गया अंग्रेजों के और खुद गए अल्लाह के पास। कुल मिलाकर गलत आदमी गलत जगह।
कुछ यही हाल राहुल गांधी का भी है। कभी पिछड़ों को jupiter पर पहुंचा देते हैं, तो कभी मध्यप्रदेश की जनसभा में जुबान पर तेल लगा कर पहुँच जाते हैं और बोल बच्चन महिलाओं के साथ भ्रष्टचार कर बैठते है। कोई तरकीब ना चली तो आज emotional कार्ड खेलने से भी गुरेज ना किया। बोला "दादी, पापा को मारा अब मुझे भी मार डालेंगे।" हद्द करते हो राहुल बाबा, सही में हद्द हो गयी। बेटा यही हाल रहा ना तो 2014 में तुम्हारी अम्मा भी नरेन्द्र मोदी को वोट दे देगी।
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