जब घर के आँगन में खेल रहे बच्चे से कोई बिन बुलाया मेहमान पिताजी के बारे में पूछता है, तो बच्चा लगभग दौड़ता हुआ भीतर जाता है और पिताजी को उसके आने की खबर देता है। मानो उसके कंधो पर कोई बहुत बड़ी जिम्मेदारी दाल दी गयी हो। पिताजी उस बिन बुलाई आफत से छुटकारा पाने के लिए बच्चे को झूठ बोलने के लिए कह देते है। इस वक़्त बाल मन में एक साथ कई भाव जन्म लेते है। क्रोध "ये क्या बात हुई मुझसे क्यों झूठ बुलवा रहे हो,खुद बोल दो ?" असमंजस "हमेशा तो कहते हैं की सच बोलो और आज मुझसे झूठ बुलवा रहे है ?" ग्लानि "मैं झूट बोल रहा हूँ।" पीड़ा "अंकल बहुत दूर से आये है।" बस इन्ही मिश्रित भावों के जाल में फंस चूका वह बालक बिना आँख मिलाए बोल आता है "अंकल पापा घर पर नहीं है।"
हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ। कोयला घोटाले में CBI ने आनन फानन में कुमार मंगलम बिरला और कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ FIR दर्ज करी पर अब PMO के रुख को देखते हुए CBI FIR यह कहते हुए वापस लेने का मन बना रही है की उसके पास इस मामले में कोई सबूत हैं ही नहीं। हद है भैय्या।
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