उतर आयेगा आसमान भी तुम्हारे कदमों में,
कभी चाहत की बाहें फैला कर तो देखो|
आज़ाद क्यों न होगे तुम जंजीरों से ,
कभी अपने पंख फडफडा कर तो देखो|
दूर नहीं मंजिल तुमसे इतनी भी ज्यादा,
कभी दो कदम उस रस्ते पर बढ़ा कर तो देखो|
होगा क्यों न कार्य सफल,
कभी जी और जान लगा कर तो देखो|
ज़िन्दगी तुमसे है न की तुम ज़िन्दगी से,
अपनी काबिलियत आजमा कर तो देखो|
रहता है खुदा खुद तेरे ही दिल में,
कभी मन के कोनो में लौ जला कर तो देखो|
Tags:
Sign In
to know Author
- AANYA VERMA
Comments (3 so far )
ADITI PANT
kya baat hai...zindagi ko aur khubsurat bana diya....
August 4th, 2012
Author
thanx aditi...
August 5th, 2012