"सरसों का एक दाना लेते आओ
जहाँ कभी कोई अपशकुन न हुआ हो "
ढूँढती फिर रही हूँ वो सरसों का दाना
काला नहीं तो पीला ही सही
पूरा नहीं तो अधूरा ही सही
वो सरसों का दाना मिलता ही नहीं
सिद्धार्थ क्या पहेली दे गए ?
नहीं पहेली न होगी , सच्च ही होगा
एक दिन और वो सरसों का दाना ढूँढ लूं
क्या पता शायद अमरत्व मिल ही जाये। ।
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Comments (2 so far )
PRATAP SINGH
very nice !
September 17th, 2013
Author
thnx
September 18th, 2013