चिता के बुझते हुए अंगारों नें आवाज दी
आत्मा बची है वो भी देते जाओ ,
क्या करोगे इसे बचा कर अपने पास
दुनिया शरीर की आग ही लेती है ,
आत्मा का सच्चाई से कुच्छ नहीं मिलेगा
यहीं छोड़ जाओ कम से कम यहाँ जगह तो है। .
मन नें भभूत सी ओड ली है
कोई भी बात अब महसूस नहीं होती ,
शिव शमशान में नहीं पूरा शमशान शिव है
शाश्वत निरंतर अनंत निशब्द ..
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Comments (2 so far )
SHIVANI GAUR
शिव शमशान में नहीं पूरा शमशान शिव है
October 4th, 2013
Author
And peace :)
November 19th, 2013