मुहब्बत चाँदनी सा नशा है,
हर तरफ बिखरा हुआ टिमटिमाता,
रात की खुशबू से लथपथ,
अँधेरे लिबास से लिपटा,
प्यास से तड़पते होठों पर
ज़हर की एक बूँद सा ये नशा,
इस प्यासे की प्यास मिटने ही वाली थी,
कमीने दोस्तों ने फिर से जीना सिखा दिया.
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- ADITYA PANT