हवा का प्यारा सा झोंका जो चला
घुटती साँसों को कुछ करार मिला
साथ आया तू हमसफ़र जबसे
पता मुझको भी मंजिलों का चला
साथ अश्कों के धुल गए शिकवे
बेरुखी कैसी है अब कैसा गिला
तिश्नगी मेरी ना मिटेगी मय से
अपनी आँखों से एक जाम पिला
तेरी आँखें हैं या समन्दर कोई
एक तिनके का सहारा तो दिला
-शिव
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- SHIV DIXIT