चलती हुई हवाओं को.....
कोई आँधी कहे कोई झोंका....
कोई उड् गया तूफ़ानों में....
तो किसी ने तूफ़ानों को रोका....
इन्हीं तूफ़ानों में फ़से थे कल तक....
मगर आज सब कुछ शान्त है....
आज हवा चले भी तो एहसास नहीं होता....
बस नज़र नज़र की बात है......

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