दिल भी कैसी उड़ान भरता है
ज़मीँ को आसमान करता है
उसी को देख कर जीता है कभी
उसी पे दिल कभी ये मरता है
बता दे दिल में दर्द क्या है तेरे
आज कल क्यूं तू इतना हँसता है
इश्क में तू भी सब लुटा बैठा
तेरा चेहरा बयान करता है
तकल्लुफ से न मिला कर मुझसे
तू मुझे अपने ही जैसा लगता है
-शिव
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- SHIV DIXIT
Comments (2 so far )
VISITING FACULTY
just too awesome ...
July 29th, 2013