भारत चीन सीमा पर बढ़ते तनाव से भारतीयों का खून खौला हुआ है हर कोई सरकार की कूटनीतिक समझ और राजनैतिक इच्छाशक्ति पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है कोई भी अपने राष्ट्र को सर झुकाए नहीं देखना चाहता, हर कोई चाहता है की सरकार ड्रैगन की इस गुस्ताखियों का मुंहतोड़ जवाब दे, पर क्या वाकई चीन का उद्देश्य सीमा पर तनाव बढ़ा कर भारत को सिर्फ परेशान करना है ? .. चलिए देखते है ...
भारत और चीन पडोसी ही नहीं बल्कि आगे बढ़ने की रेस में भाग रहे दो प्रतिद्वंदी हैं अब चीन के द्रष्टिकोण से देखा जाए तो भारतीय अर्थतंत्र की मजबुती उसके लिए सामरिक तथा आर्थिक मोर्चे पर घातक है, इसलिए चीन ने छदम युद्ध की नीति अपनाई .. वह भारत से लगती अपनी सीमा पर छुट-पुट घटनाओं के जरिये तनाव बनाए हुए है इस तरह की बढती घटनाओं का असर यह होगा की भारत सरकार पर चीन को जवाब देने का चौतरफ़ा दबाव बनेगा, बॉर्डर पर रेल रोड जैसे आधारभूत ढांचों के लिए सरकार को बजट में ज्यादा पैसा आवंटित करना होगा, सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए महंगे विदेशी हथियारों का आयत करना होगा जिसके लिए भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च होगी .. जिससे रुपया और कमजोर होगा .. अर्थव्यवस्था और कमजोर ... चीन के बनाए इस भंवरजाल में हम इस तरह फंस जायेंगे जिस से कुछ ही सालों में भारतीय अर्थतंत्र खोखला हो जायेगा .. और चीन बिना कुछ करे हमसे बहुत आगे निकल जायेगा ..
यहाँ यह कहने की कोशिश नहीं की जा रही की हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा के प्रति लापरवाह हो जाना चाहिए, हमे पूर्ण सजग रहना होगा पर साथ ही सरकार को अर्थव्यवस्था की मजबुती के लिए निर्यात को बढ़ाना होगा .. जिसके लिए हर क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास पर जोर देना आवश्यक है ..
वर्ना वो दिन दूर नहीं जब एक किलो आलू लेने के लिए भी हमे थैला भरकर रूपये ले जाने होंगे ... plz like my facebook page @anand bhatia mathura wale