मन ही मन हम यकीन करते थे,
आँखों ही आँखों में हम बात करते थे,
मुस्कुराते थे, हँसते थे, रोया भी साथ करते थे,
हम तो समझे थे की आप हमें समझते थे!
अपनी ही दुनिया में आप खोये रहते थे,
उसे चाहते थे, मानते थे, बहुत प्रेम किया करते थे,
दिन - रात, सुबह - शाम ज़िन्दगी उसके नाम करते थे,
हम तो खुद को इसी दुनिया में शामिल समझते थे!
साथ बिताये हर पल को हम संभाल कर रखते थे,
और दिल के किसी कोने में हीरे - मोती सा छुपा लिया करते थे,
क्यूँ करते थे? किसलिए करते थे? ये हम ना समझते थे,
हम तो बस सपने में इन्ही पलों को देख, खुश हो लिया करते थे!
समय की करवट ने मौसम के रुख बदल दिए,
छोड़ तन्हा, करके अलग, आप अपनी दुनिया में चल दिए,
करते नहीं हम कोई शिकायत, हर आँसूं भी हम पी गए,
हम तो बस यही समझते हैं की आप हमें कभी तो याद करते हैं....
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- SAKSHI AGARWAL
Comments (3 so far )
PRAVEEN CHOUDHARY
aasman se gira parinda mein bhi hou or tum bhi ho....chooth gai raste mein jeene marne ki kasme.....apne apne haal mein jinda mein bhi hou or tum bhi ho....
May 6th, 2012