ज़िंदगी ने कभी हंसाया तो कभी रुलाया मुझे,
अलग-अलग तज़ुर्बों से वाकिफ कराया मुझे !
यूँ तो कोई गिला ना शिकवा ज़िंदगी से मुझे,
क्योंकि जीने का तरीका इसी ने सिखाया मुझे !!
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- ARAK VATSA