शून्य में कुंठा की तृष्णा,
तृप्ति का व्यसन,
सृष्टि की अबूझ गणना
है अनंत का सृजन

कृति कर्म कर्ता के
कृत्रिम क्रिया की
कुशल कार्यशैली का
कलंकित क्लेश है
अनंत का सृजन

अश्रुपात है अचंभित
पीड़ा के पदचिन्हों पर,
जीवन वर्णित यात्रा में
अंकित है अनंत सृजन

पृथ्वी का त्याग,
अग्नि का आलिंगन,
जल की जिज्ञासा है
चिर चेतना का अंतहीन सृजन...

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