ये वक़्त है कुछ पुरानी कड़ियों को जोड़ने का,
कि शायद कुछ टूटे हुए हारों पिरोना होगा
या लगानी होगी तस्वीर फिर से कोई पुरानी
कांच तोड़कर धूल में मिट जाने को छोड़ दिया था

सालों पहले छोड़कर पीछे जिस झोपड़े को
चला गया मैं जर्जर होने को बारिश में
चौमासे में चूते हुए छप्पर के नीचे
कुछ पल बैठ के मुझे रोना होगा

ये वक़्त है कुछ पुरानी कड़ियों को जोड़ने का,
कि शायद कुछ टूटे हुए हारों पिरोना होगा

Tags: Loss

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