चलता हुआ, खुद की खबर क्या,
आँख है नम, पूछे मगर क्या,
साथ चलते चलते छूटा क्यों है,
मुश्किल ने तोड़ी है कमर क्या,
ख्वाब अपने चुरा चुरा कर,
मार डाले, तुम को पर क्या,
लहू लहू नज़रों के पीछे,
काटा है अपना ही तूने जिगर क्या,
बता रही है आँखों को लाली,
बुरीदा ख्वाबों से तुम को डर क्या,
बातों से वार कर, जान भी ले जाए,
उसकी ज़बान है ये ज़हर क्या,
सोचा कि कह दे आज दिल की,
ये सोच के चुप है, उसे मगर क्या,
लिखी कलम से एक नयी सूरत,
उसकी ही यादों का है असर क्या
लब पर कुछ, दिल बोल रहा कुछ,
सीखा है तुमने एक और हुनर क्या
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- STEELFACED GUY