"नभ में लालिमा होगी अजब,
व्योम भी गरज रहे होंगे,
तेरे आने का संकेत ये,
या पंछी कहीं चहक रहे होंगे,
मौत तू आनी है, आएगी एक दिन,
जाने तेरे पद्चिन्ह कहाँ होंगे ?
छाएगी घटा घनघोर कहीं या,
लू के थपेड़े झुलसा रहे होंगे,
या हो ऐसा की सुख दुख गले मिल रहे होंगे,
पर मौत तू आनी है, आएगी एक रोज,
जाने तेरे पदचिन्ह कहाँ होंगे ?
ना रहूँगा मैं ही मैं, पीछे वाले रो रहे होंगे,
रौद्र होगा रूप तेरा या ममतामयी आँचल होगा,
जो भी हो सच है तू आनी है, आएगी एक रोज,
जाने तेरे पदचिन्ह कहाँ होंगे ?"
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- KUNAL BABA