कुछ रातें मैंने ख़राब कर दी,
कुछ रातें किस्मत ने।
जिस दिन ख़राब रात में जज़्बात उड़े,
उस दिन नीदों ने भी मुझसे दुश्मनी कर ली।
ख़राब रात ने उस दिन ज़िन्दगी को ख़राब कर दिया,
जिस दिन उसने कागजों का मुंह देख लिया।
कागजों मे छपे अंकों ने जिस दिन ख़राब रात का मोल कर दिया।
सिलवटें भी ना समेट पायी जिस शिकन को,
ना बयाँ कर पायी अन्दर की सिलवटों को,
वो पहली ख़राब रात ने अपने अन्दर सब कुछ समेट लिया।
वो आँखें अब ख़राब आँखों में शामिल हो गयीं,
वो हस्ती अब ख़राब हस्तियों में,
वो ख़राब रात ने रातों रात मेरा हुलिया बदल दिया।
उस रात के बाद मेरा नाम कुछ और था,
उस रात के बाद मेरी मंजिलों का रास्ता कुछ और था।
वो रात हसीं थी बस मेरी मजबूरियां कुछ और थी,
वो बेहद खुबसूरत रात शायद बस मेरे लिए ही ख़राब थी।
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- ADITI PANT
Comments (2 so far )
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wo mashkhare ki kahani bhi kuch aise hi hai......
February 1st, 2013
"मसखरा आया मसखरा आया,
अपनी ज़à¥à¤¬à¤¾à¤¨ से सबको हà¤à¤¸à¤¾à¤¨à¥‡ आया,
उसकी उल जà¥à¤²à¥‚ल बातों पे हà¤à¤¸à¥‡ सब,
मगर असल दरà¥à¤¦ किसी के सामने ना आया,
मसखरा आया मसखरा आया........"