परेशाँ नहीं हूँ मैं हाँ मगर आज थोड़ा मौन हूँ,
पूछ रहा खुद से कि बता आखिर मैं कौन हूँ,
भीतर है खामोशी बाहर क्यों शोर है,
अपनों के बीच आज खुद की तलाश रहा अपना वजूद हूँ,
परेशाँ नहीं हूँ मैं हाँ मगर आज थोड़ा मौन हूँ ।।।
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- JITENDRA SINGH