बात करेंगे बीते दिनों की |
कुछ बिताए लम्हो की, कुछ कमाए जख्मों की,
कुछ हासिल खुशनुमा तमगों की,
कुछ खोए अपनों की, कुछ पाए सपनो की |
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- TUSHAR TURKAR