वो दरार अभी बाकी है वो सवाल अभी बाकी है, किये थे जो वादे तूने उनका हिसाब अभी बाकी है, वो दरार अभी बाकी है।
भीड़ के छूने से जब तू सहम जाती थी, पकड़ के मेरा हाथ तू अथाह सुकून पाती थी, उस सुकून का हिसाब अभी बाकी है, वो दरार अभी बाकी है।
सड़क पार करने के लिए वो तेरा दोनो हाथो से मेरी बाहों को पकड़ना मुझे आज भी याद है, तेरी आँखों की वो बेफिक्री मुझे आज भी याद है।
तेरे हाथो का गिला पसीना मेरे हाथों में आज भी बाकी है, तेरे पसीने की वो महक आज भी बाकी है, वो हिसाब अभी बाकी है वो दरार अभी बाकी है।
तेरा वो मेरी बाहों में सिमट जाना मुझे आज भी याद है, तेरे बदन की वो गर्माहट मुझे आज भी याद है। चाहे चली गयी हो तू मेरी उन बाहो को छोड़कर पर वो गर्माहट अभी भी बाकी है, वो हिसाब अभी बाकी है वो दरार अभी बाकी है।
रात को मेरे कानों में तेरा वो फुसफुसाना मुझे आज भी याद है, मेरे हाथों के तकिये पर तेरा वो मासूम से चेहरा मुझे आज भी याद है।
तेरे गर्म साँसों की वो गर्माहट मुझे आज भी याद है, वो गर्माहट मेरे गालो पर आज भी बाकी है, वो हिसाब अभी बाकी है वो दरार अभी बाकी है।
दूर से देखकर मुझे वो तेरा भाग कर चलना मुझे आज भी याद है, तेरी आँखों मे मिलने की वो झटपताहत मुझे आज भी याद है।
खड़ा हूँ अब अकेला पर वो सारी यादे अभी बाकी है, वो प्यार अभी बाकी है, वो एहसास अभी बाकी है, वो हिसाब अभी बाकी है, वो दरार अभी बाकी है।।