तेरी शख्सियत में वजूद मेरा,
तेरी मुस्कान में सुकून मेरा,
तु हाथो में समेटे है आसमान,
पिता तुझ से सारा अरमान मेरा |
 

तेरे किस्से वो सच्चे झूठे, 
कहानियों से तेरी सारा बचपन बीता,
वो तेरा कंधो पर उठाकर बढ़ाना गुमान मेरा,
कैसे उतार पाउँगा ये एहसान तेरा |
 

छुपा लेना सारी तकलीफें अपनी खमोशी में,
खुशियों से सजा देना वो बचपन मेरा,
वो कोशिश बदलने की मेरे हर आँशु को,
वो मेरी खातिर लोगो से लड़ जाना तेरा |
 

शायद न मिल पाऊ कभी मै उस खुदा से,
पर न होगा गिला क्यूंकि, पिता है खुदा का फरमान मेरा,
कोशिश करूँगा हासिल कर लू थोड़ी शख्सियत तेरी,
यही होगा जिंदगी में अब अरमान मेरा ||

Tags: Fathers Day

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