दास्ताँ-ए-इश्क़ लिखेंगे 'अपनी' गर कभी,
देखना 'खलनायक' के नाम से तुम जाने जाओगे .....
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए....
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- DHAKKANIYA SHILPI
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PRANJAL
(y)
June 28th, 2017