उलझने हज़ार पर यकीन है बरकरार
ये इश्क़ नहीं तो और क्या है सरकार ...
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए....
Sign In
to know Author
- DHAKKANIYA SHILPI