नया साल है ,
पर नया क्या है ?
वहीँ पुराना इंसां तो होता है ...
चेहरे पे मुस्कान लिए
सबको मुबारकबाद कहता है ,
पर नया क्या है ...
वही सुबह
वही सूरज
वही इंसां
वही रोज का काम धंधा ,
सिर्फ तारीख बदली
पर इंसां नहीं बदला ,
बेहतर हो क़ि हर दिन को नया साल बनाया जाये
हर दिन नए सपने बुनें जायें
हर दिन नई आशा से भरा हो
हर दिन को जी भर के जियें
हर दिन को नया साल बनाएं ,
चलो सबको बतलाएं
हर दिन एक नया साल ले के आयें ...
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- Anonymous
Comments (1 so far )
MM
very nice
January 5th, 2013