यूँ तो इश्क़ से नज़रे चुराती रही हूँ मैं
और हुआ ऐसा भी है रेत पर एक नाम लिखकर मिटाती रही हूँ मैं
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
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- DHAKKANIYA SHILPI