और फिर से राज़ को राज़ ही रहने दिया है
खत तो लिखा है और पुराने बक्से के नाम कर दिया है
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
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- DHAKKANIYA SHILPI
Comments (2 so far )
ABHISHEK KUMAR
Nice lines
March 1st, 2017
Author
Thanks :)
March 1st, 2017