जता दो जो हैं अहसास अभी
कल रह जाएंगे बनकर ये यादें अनकही
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
Sign In
to know Author
- DHAKKANIYA SHILPI