सफर पर निकल पड़े हैं अब
कोई साथ हो तो भी ठीक ,ना हो तो भी ठीक
****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..
Sign In
to know Author
- DHAKKANIYA SHILPI